
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे भारत को गहरे सदमे और गुस्से में डाल दिया है. इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भड़क गया है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है वे हैं खान सर. इन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए एक बेहद दिलचस्प रणनीति का सुझाव दिया है. उनका मानना है कि सिंधु जल संधि को सिर्फ स्थगित करना या सर्जिकल स्ट्राइक करना समाधान नहीं है. खान सर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान पर दोहरी चोट करनी चाहिए.
खान सर का सुझाव है कि भारत को एक नया बड़ा बांध बनाना चाहिए ताकि पाकिस्तान को मिलने वाला पानी पूरी तरह रोक दिया जाए. गर्मियों के मौसम में पूरा पानी भारत के बांधों में रोक लिया जाए और जब बरसात का मौसम आए और बांध पूरी तरह भर जाए तब पानी छोड़ दिया जाए, जिससे पाकिस्तान में भीषण बाढ़ आ जाए. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि इस तरह पाकिस्तान के रहीम चाचा अब सीधे अरब सागर में मिलेंगे.
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उच्चस्तरीय बैठक
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी उच्चस्तरीय बैठकों का दौर शुरू हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पहलगाम हमले के बाद की स्थिति और संभावित जवाबी कार्रवाइयों पर चर्चा हुई. सेना प्रमुख ने भी रक्षा मंत्री को मौजूदा सैन्य तैयारियों की जानकारी दी. प्रधानमंत्री मोदी का रुख इस बार बेहद सख्त नजर आ रहा है और सूत्रों के मुताबिक, सरकार आतंकियों और उन्हें समर्थन देने वालों के खिलाफ एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है.
सीमाओं पर सेना की तैनाती
देशभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. सीमाओं पर सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है और देश के प्रमुख शहरों में भी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है. भारत ने इस बार स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और पाकिस्तान को उसके हर कृत्य का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.
सरकार के बड़े फैसले
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. भारत ने इस हमले के तुरंत बाद पांच बड़े कदम उठाए हैं. सिंधु जल संधि रद्द करने का, पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने का फैसला, अटारी बॉर्डर सील करने का, पाकिस्तान के राजनयिकों को वापस भेजने और पाकिस्तान के राजनयिकों को रोकने का.